सामूहिक विवाह पर अब मिलेगा 18 हजार रुपए अनुदान

सामूहिक विवाह पर अब मिलेगा 18 हजार रुपए अनुदान

चूरू, 16 जुलाई । बाल विवाह को रोकने एवं सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना में अब सरकार 18 हजार रुपए अनुदान देगी । इसमें से 15 हजार रुपए नवविवाहित वधू एवं 3 हजार रुपए सामूहिक विवाह आयोजक संस्था को दिए जाएंगे ।

जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने योजना की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सामूहिक विवाह योजना में लाभान्वित होने के लिए लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए । वर या वधू में से कोई एक राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो । अनुदान के लिए वे ही विवाह मान्य होंगे, जिनका नियमानुसार विवाह पंजीयन करा लिया गया हो । महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत महिला अधिकारिता निदेशालय योजना के लिए क्रियान्वयन एजेंसी होगा । योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह का तात्पर्य एक ही स्थान पर एक ही समय में कम से कम 10 तथा अधिकतम 500 जोड़ों का विवाह करने से है ।

पंद्रह दिन पहले करना होगा आवेदन
संस्था को सामूहिक विवाह आयोजन अनुमति के लिए विवाह की तिथि से न्यूनतम पंद्रह दिन पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा । इसके साथ वांछित दस्तावेज जैसे वर-वधू के आयु प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक खातों का विवरण आदि संलग्न करना होगा । संस्था द्वारा सामूहिक विवाह आयोजन की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन में विवाह के जोड़ों की संख्या में आवेदन की तिथि से सात दिन पहले तक परिवर्तन किया जा सकेगा । विवाह के समय उपस्थित अधिकारी द्वारा विवाह के समय उपस्थित सक्षम अधिकारी के प्रतिनिधि की रिपोर्ट के आधार पर वधू के खाते में आईएफएमएस के माध्यम से दस हजार रुपए की राशि का हस्तांतरण किया जाएगा । वधू के खाते में इस राशि के हस्तांतरण के बाद संस्था को देय 3 हजार रुपए का हस्तांतरण किया जाएगा ।

60 दिन बाद भी पंजीयन नहीं कराने पर निरस्त होगा प्रकरण
विवाह के बाद 60 दिन की अवधि में विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र व अन्य बकाया दस्तावेज ऑनलाइन प्रस्तुत करने पर आईएफएमएस के माध्यम से 5 हजार रुपए का हस्तांतरण वधू के खाते में किया जाएगा । संस्थाओं द्वारा 60 दिवस तक विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर प्रकरण निरस्त माना जाएगा हालांकि प्रथम किश्त की दी जा चुकी राशि की वसूली नहीं की जाएगी । किसी संस्था को सामूहिक विवाह के लिए एक वित्तीय वर्ष में 15 लाख रुपए से अधिक अनुदान नहीं दिया जाएगा । किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर जिला कलक्टर के स्तर पर निपटाया जाएगा । योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए किसी अन्य विभाग की समान योजना में देयलाभ बाधक नहीं होगा । इस योजना के लागू होने के बाद राजस्थान सामूहिक विवाह एवंअनुदान योजना, 2018 एवं उसके अनुसरण में समय-समय पर पूर्व में जारी आदेश-निर्देशस्वतः ही निष्प्रभावी माने जाएंगे ।
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