फिलहाल चूरू में नहीं बर्ड फ्लू, घबराएं नहीं, जागरुक रहें - सांवर मल वर्मा

फिलहाल चूरू में नहीं बर्ड फ्लू, घबराएं नहीं, जागरुक रहें - सांवर मल वर्मा

चूरू, 7 जनवरी। जिला कलक्टर सांवर मल वर्मा ने कहा है कि चूरू जिले में फिलहाल बर्ड फ्लू का प्रकोप नहीं है, इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। बर्ड फ्लू की आशंका के मध्येनजर सभी प्रकार के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। आमजन भी जागरुक रहे तथा किसी प्रकार की आपात स्थिति में प्रशासन को सूचना दें।
उन्होंने इस संबंध में गुरुवार को पशुपालन, चिकित्सा एवं नगर निकाय विभाग सहित संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में बड़े स्तर पर पक्षियों एवं मुर्गियों में असामयिक मृत्यु दर नहीं रिपोर्ट की गई हैं। अतः आमजन को किसी प्रकार घबराने की आवश्यकता नहीं है। पॉल्ट्री व्यवसाय को हानि नहीं होगी। उन्होंने नगर निकाय अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि जरूरत के अनुसार फोगिंग की तैयारी सुनिश्चित करें।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. धनपत सिंह चौधरी ने बताया कि प्रदेश में कौओं की असामान्य मृत्यु के मध्येनजर चूरू जिले में सम्बन्धित विभागों को आवश्यक निर्देश दिये जाकर अलर्ट जारी किया गया है। पशुपालन विभाग चूरू द्वारा कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसमें प्रतिदिन 24 घंटे किसी भी आपात स्थिति अथवा कौओं एवं अन्य पक्षियों की असामान्य मृत्यु या अधिक संख्या में मृत्यु की सूचना तुरन्त प्रभाव से दी जा सकेगी। कन्ट्रोल रूम के प्रभारी अधिकारी जिला पशु रोग निदान इकाई चूरू होंगे। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर 01562-294237 एवं मोबाईल नंबर 8126785245 है। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के समस्त पॉल्ट्री फार्म संचालक अपने फार्म पर साफ-सफाई एवं चिकित्सा व्यवस्था को दुरस्त कर सूचना अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान को दें तथा पक्षियों में किसी भी प्रकार की असामान्य मृत्यु पर समस्त संबंधित विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य करें।
सहायक निदेशक डॉ. निरंजन चिरानियां ने अवगत करवाया कि बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा रोग भी कहा जाता है जूनोटिक महत्व का एक रोग है, जो मुख्यतया मुर्गी एवं टर्की में होता है परन्तु बतख, वाटर फाउल, प्रवासी पक्षियों व अन्य पक्षियों में भी फैल सकता है। यह रोग रोगी पक्षी या संक्रमित वस्तु के सीधे सम्पर्क में आने से फैलता है, जिससे मुर्गियों में लार, नाक/आंख के स्त्रव व बीट में पाया जाता है तथा इससे अण्डा उत्पादन में अत्यधिक कमी हो जाती है। पक्षी को तेज जुकाम, नाक/आंख में स्त्राव एवं सिर व गर्दन पर सूजन, कलंगी व लटकन पर सूजन व नीलापन दिखाई देता है जिससे पक्षियों में बड़े स्तर पर मृत्यु हो जाती है परन्तु चूरू जिले में बड़े स्तर पर मृत्यु दर्ज नहीं की गई है। राजगढ़ तहसील के धानोठी गांव में 02 मोरों की मृत्यु का समाचार प्राप्त होने पर जिला रोग निदान इकाई व वन विभाग को मौके पर भेजा गया है ।
बैठक में जिला कलक्टर ने पशुपालन विभाग, चूरू के साथ-साथ प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय एवं वन विभाग को बीमारी के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये तथा आम-जन से अपील की है कि कौओ एवं अन्य पक्षियों में किसी भी प्रकार की असामान्य मृत्यु की सूचना हो तो तत्काल अपने नजदीकी पशुपालन विभाग की संस्था या वन विभाग चूरू को सूचित करें। बैठक में सहायक वन संरक्षक राकेश दुलार, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, एडिशनल सीएमएचओ डॉ भंवर लाल सर्वा, डिप्टी सीएमएचओ डॉ देवकरण गुरावा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे ।
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