माईनिंग पोलिसी में बदलाव से बढ़ेगा खनन उद्योग - जोशी

माईनिंग पोलिसी में बदलाव से बढ़ेगा खनन उद्योग - जोशी

नई दिल्ली/चित्तौड़गढ़ 19 मार्च/देश की खनिज सम्पदा एवं उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए बनने वाली माईनिंग पोलिसी में समय अनुकुल बदलाव देश में खनन के व्यवस्थित उत्पादन को बढ़ाने का काम करेंगें । उक्त बात चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने लोकसभा में खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विद्येयक 2021 के समर्थन में बोलते हुए लोकसभा में चर्चा के दौरान कही।
सांसद जोशी ने इस अवसर पर कहा कि समय पर बदलाव ना होने के कारण देश में खनन उत्पादन व्यवस्थित नही रहा था 2015 में इसी सरकार ने खनिज अधिनियम में मुलभुत सुधार किया। इस सुधार के कारण नीलामी द्वारा खनन पटटा आवंटन की व्यवस्था को लागु किया गया। जिससे राज्यो के राजस्व में वृद्धि हो इसके अतिरिक्त एनएमईटी एवं डीएमएफटी के भी प्रावधान किये गये। इन प्रावधानो का उद्देश्य खनन के क्षेत्र में नए खनिजो की खोज, खनिज उत्पादन बढ़ाना, राज्यो के राजस्व में बढ़ोतरी सहित क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना था। 2015 के संशोधन के बाद कच्चे माल की आपुर्ति भी बढ़ी एवं आत्मनिर्भरता का उद्देश्य भी पुरा करने में सहयोग मिला। परन्तु ई नीलामी राज्यो का विषय होने के कारण कई स्थानो पर नीलामी प्रक्रिया षिथिल रही या निलामी हुई ही नही नये विद्येयक में पहले राज्य द्वारा नीलामी तय समय सीमा में पुर्ण करने एवं समय सीमा के पश्चात् केन्द्र सरकार द्वारा निलामी इस विद्येयक की महत्वपूर्ण बात है ।
सांसद जोशी ने कहा कि इस अधिनियम में दो तरह के खनन पटटो का उल्लेख पूर्व में रहा है। एक खनन पटटा वह जिसका उत्पादन किसी प्लांट विशेष के लिए किया जाये इस प्रकार के पटटो से एक निश्चित ग्रेड का खनिज उत्पादन संबंधित प्लांट में जाता था। इसके अतिरिक्त उस ग्रेड से कम या ज्यादा का खनिज अनुपयोगी होकर संग्रहित किया जाता रहा है जिससे लागत मुल्य भी बढ़ा और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा चुकि उनको स्वतंत्र बाजार में बेचने की सुविधा नही थी इसलिए देष को राजस्व की हानि भी हो रही थी अनुपयोगी ग्रेड के खनिज को सरकार द्वारा सामान्य बाजार में नही बेचने के कारण जिन उद्योगो को जिन खनिजो की आवश्यकता है वह करोड़ो रूपये की विदेशी मुद्रा के भुक्तान द्वारा बाहर से मंगवायी जा रही थी जिससे विदेशी मुद्रा का क्षय हो रहा था। नये संशोधन में 50 प्रतिशत तक उत्पादन बाजार में बेच सकेंगें जिससे देश की मुद्रा देश में ही रहेंगी इन खनिज पटटो में लोह, कोयला, लाइम स्टोन प्रमुख हैं।
सांसद जोशी ने इस अवसर पर कहा कि खनन उत्पादन भी इस अधिनियम के लिए एक महत्वपूर्ण विषय हैं खनन कार्य के साथ-साथ खनिजो की खोज करना भी इस अधिनियम का उददेष्य है। 2015 के संषोधन में एनएमइटी की स्थापना इसका महत्वपूर्ण पड़ाव था और अब इस अधिनियम में संषोधन के कारण आगे निजी क्षेत्र के लोग भी नये खनिजो की खोज के लिए सरकार के मार्गदर्षन में काम कर सकेगें ।
सांसद जोशी ने इस अवसर पर कहा की खनिज उत्पादन वाले क्षेत्रो में मुलभुत सुविधाओ सड़क, शिक्षा, चिकित्सा आदि के विस्तार के लिए डीएमएफटी का गठन किया गया केन्द्र की सरकार का उद्देश्य संबंधित क्षेत्र के विकास का था परन्तु समयबद्ध प्रक्रिया न हाने के कारण अभी तक डीएमएफटी का सदुपयोग नही हुआ राजस्थान में कांग्रेस का साषन आने के बाद राज्य सरकार ने इसकी संरचना को प्रभावित किया एवं चित्तौडगढ़ सहित पुरे राज्य में इस ट्रस्ट के माध्यम से कही भी सुव्यवस्थित विकास नही हुआ यह ट्रस्ट विकास कार्यो के लिए जन प्रतिनिधियो को प्रतिनिधित्व प्रदान करता हैं परन्तु इस ट्रस्ट को संचालित करने वाली राज्य सरकार इसका दुरूपयोग कर आम जनता को विकास से मरहुम कर रही है इस संशोधन अधिनियम के माध्यम से सांसद जोशी ने आग्रह किया की राज्य सरकारो को इस फण्ड को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जाये। सांसद जोशी ने इस अवसर पर ई नीलामी को लेकर आग्रह किया की समयबद्ध चरण से ई नीलामी पुरी हो केन्द्र सरकार ने तो विगत संशोधन से ही केन्द्र की पुर्वानुमति को खत्म कर राज्य सरकारो को अधिकार दिये की नीलामी प्रक्रिया समय पर कर सके केन्द्र सरकार ने तो कई मिनरल को मेजर से माइनर में करके राज्य सरकार के अधिकारो को बढ़ाया है ये नई पोलिसी निश्चित तौर पर खनन को बढ़ावा देगी।
सांसद जोशी ने इस अवसर पर कहा कि रोजगार को लेकर कानुन बनाने का अधिकार राज्यो को है। उन्होने केन्द्रीय सरकार से आग्रह किया की राज्यो को एडवाजरी जारी कर स्थानीय लोगो को खनन एवं उद्योग में रोजगार में प्राथमिकता के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दि जाये। स्थानीय लोगो को रोजगार के लिए राज्य सरकार विशेष पोलिसी बनाये इसके साथ ही सांसद जोशी ने ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर जहां केन्द्र की सरकार ने विगत 6 वर्षो में करोड़ो रूपये के विकास कार्य करवाये है जिसके आस-पास बड़ी खनन उत्पादन प्रक्रिया के कारण दुर्ग की भोगोलिक स्थिति को हो रहे नुकसान के जांच के लिए विशेषज्ञो की टीम भेजकर पुरे मामले को दिखवाने का भी आग्रह किया ।
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