राज्य के लिए बजट में है केवल निराशा, केंद्र की योजनाओं का नाम परिवर्तित कर राज्य के लिये बतायी उपलब्धि - सांसद जोशी

राज्य के लिए बजट में है केवल निराशा, केंद्र की योजनाओं का नाम परिवर्तित कर राज्य के लिये बतायी उपलब्धि - सांसद जोशी

चित्तौड़गढ़ /24 फरवरी 2021:- आज राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट को चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने सभी वर्गों के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि बजट में केंद्र सरकार की योजनाओं का केवल नाम परिवर्तन कर उसे राज्य के लिए घोषणाओं के रूप में प्रस्तुत किया गया है, इस बजट में प्रत्येक वर्ग को निराशा मिली है।
सांसद जोशी ने बताया की बजट में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विगत 3 वर्षों से लगातार प्रदेश की जनता को मायूस करने वाला बजट पेश किया तथा अपने आप को 60 इंच का सीना वाला दर्शाया है जबकि इस बजट में 60 कार्य भी जनता के लिए नये नहीं दिए गए हैं।
बजट में केंद्र सरकार की योजनाएं चाहे वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो जिसमें आयुष्मान योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आदि जिनमें से आयुष्मान योजना जिसे स्वयं मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार आने के बाद अटका के रखा था उसका नाम परिवर्तित कर केंद्र द्वारा 5 लाख के हेल्थ इंश्योरेंस को इस बजट में दर्शाया है इसके इसके साथ ही किसानों के साथ-साथ कृषि कार्य करने वाले पशुपालकों तथा मछुआरों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की योजना केंद्र सरकार ने पहले से ही लागू कर रखी थी।
इस बजट में हर बार की तरह किसानों की कर्ज माफी से लगाकर उनके हितों को लेकर किसी प्रकार की सकारात्मक बात नहीं दिखी, युवाओं के लिए भी बेरोजगारी भत्ता जो कि विगत 3 वर्षों से वादों एवं भाषणों में चल रहा था इस बजट में भी युवाओं के उसी प्रकार की थोथी घोषणाऐं हैं, कर्मचारियों के लिए भी बजट में उन्हीं का वेतन जो कि राज्य सरकार द्वारा रोक दिया गया था उसे वापस देने को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्शाया जा रहा है।
बस सेवा को पुनः बहाली को लेकर की गई घोषणा केंद्र सरकार द्वारा इस बजट में 20,000 से अधिक व सेवाओं की घोषणा से प्रेरित है।
कृषि कार्य कर रहे हैं किसानों को बिजली के बिलों में तथा घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली के बिलों में किसी प्रकार की कोई राहत इस बजट में नहीं दी गई हैं। कृषि कार्यो के लिये उपयोग में ली जाने वाली बिजली के लिये पूर्व सरकार ने बिल माफी की घोषणा की थी, लेकिन इस सरकार के द्वारा कृषि कार्यो की बिजली में किसानों को किसी प्रकार की राहत प्रदान नही कि गयी है।
इसके साथ ही सड़कों एवं परिवहन के मामले में भी कोई विशेष सौगात नही दि गयी हैं, प्रदेश की जनता टोल फ्री होने की उम्मीद लगा रही थी लेकिन टोल टैक्स में किसी प्रकार की राहत प्रदेश सरकार के द्वारा नही देकर आमजन को मायुस किया है। सड़कों को लेकर भी प्रदेश केवल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तृतिय फेज पर ही निर्भर रहा है।
प्रदेश में पर्यटन के विकास को लेकर की गयी घोषणाऐं केन्द्र सरकार के द्वारा चलित स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रदेश में बन रहे विभिन्न प्रकार के सर्किटों का ही रूप हैं जिसको इस स्वरूप में पेश किया गया है।
इसके साथ ही महिला सुरक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतों के आधारभूत सुविधाओं के सुदृढिकरण, पेयजल एवं सिंचाई, लगातार बढ़ रहे अपराधों को लेकर तथा शिक्षा के क्षेत्र में भी किसी प्रकार की कोई उपलब्धि इस बजट में दर्शाने को नही दिखी।
इसके साथ ही ससंदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ ही नही सम्पूर्ण मेवाड़ के लिए बजट में किसी प्रकार की कोई सौगात नहीं दी गई है, उसे हर बार के बजट की तरह इस बार भी उपेक्षीत रखा गया है।
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