सांसद जोशी ने मृगवन को बायोलॉजिकल पार्क के रूप में विकसित करने के लिये संसद में रखा विषय

सांसद जोशी ने मृगवन को बायोलॉजिकल पार्क के रूप में विकसित करने के लिये संसद में रखा विषय

नई दिल्ली / चित्तौडगढ 24 जुलाई 2019 :- लोकसभा में चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने आज नियम 377 के तहत सदन की कार्यवाही में भाग लेते हुये चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित मृगवन को बायोलॉजिकल पार्क या स्मृति वन के रूप में विकसित करने का विषय रखा।
सांसद जोशी ने सदन में नियम 377 के तहत बताया की ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चित्तौड़गढ़ में आने वाले देशी व विदेशी पर्यटको को आकर्षित करने तथा यहां पर पाये जाने वाले हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को संरक्षण प्रदान करने हेतु मृगवन का निर्माण कराया जाकर वर्ष 1971 में इसे आरम्भ किया गया था । मृगवन क्षेत्र के पूर्व, पश्चिम व दक्षिण दिषा में लगभग 1300 वर्ष पुराना दुर्ग चित्तौड़गढ़ का परकोटा एवं उत्तरी दिशा में विभाग द्वारा दीवार निर्माणकर जाली लगवाई जाकर तत्समय से ही मृगवन (रीलोकशन सेंटर) का संचालन किया जा रहा था ।
मृगवन दुर्ग चित्तौड़गढ़ का केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली में पंजीयन नहीं होने से इसे वर्ष 2016 में पर्यटकों के लिये बन्द कर दिया गया ।
सांसद जोशी ने बताया की चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक महत्व के कारण कई देशी-विदेशी पर्यटक यहांपर घूमनेआतेहै । चित्तौड़गढ़ के आस-पास घने जंगल व विभिन्न प्रजाति के वन्यजीव पाये जाते है । उनको संरक्षण प्रदान करने व यहां पर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये पूर्ववर्ती मृगवन दुर्ग चित्तौड़गढ़ को बायोलोजिकल पार्क या स्मृति वन के रूप में यदि विकसित किया जाता है, तो यहां आने वाले पर्यटकों को यहाँ स्थित वन एवं वन्यजीवों से रूबरू कराया जाकर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा ।
इन्ही कारणों से चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित मृगवन को बायोलॉजिकल पार्क के रूप में विकसित किया जाना चाहिये जिससे वन्य जीवों को भी संरक्षण प्राप्त होगा तथा प्रतिवर्ष दूर्ग आने वाले लाखों पर्यटक यहाँ दुर्ग के साथ-साथ वन्य जीवोंसे भी रूबरू हो सकेंगे ।
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