लोक कलाकारों ने किया सम्मोहित, ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर जीवंत हो उठी विरासत

लोक कलाकारों ने किया सम्मोहित, ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर जीवंत हो उठी विरासत

बूंदी 26 नवम्बर। बूंदी उत्सव के पहले दिन सोमवार रात ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर लोक कला जीवंत हो उठी। बूंदी उत्सव के कार्यक्रमों की सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों के हैरतअंगेज करबत की प्रस्तुति ने दर्शकों को हैरान कर दिया, वहीं लोक कलाकारों ने अपनी एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां से दर्शकों को देर तक सम्मोहित किया। कार्यक्रम का विदेशी सैलानियों ने भी लुत्फ उठाया।
कार्यक्रम में केन्द्रीय पर्यवेक्षक डॉ. विजय नामदेवराव झाडे, श्री नरेन्द्र शंकर पाण्डेय, व्यय पर्यवेक्षक आनंद कुमार, जिला कलक्टर महेश चन्द्र शर्मा, उपखण्ड अधिकारी दिवांशु शर्मा व अन्य अधिकारियों ने भी शिरकत की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में कच्छी घोड़ी, चकरी नृत्य, भपगं, सहरिया नृत्य, केखाना, कालबेलिया नृत्य, डांग नृत्य, मयूर रास की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। गुजरात के लोक कलाकारों ने नवरात्रि नृत्य और तलवार से करतब और फिर कपडो को लहराते हुए उनसे मोर और तरह तरह की आकृतियां बनाकर अचंभित कर दिया। मयूर रास ने भक्ति और सौंदर्य से अभिभूत कर दिया। कार्यक्रम का संचालन ओम पंचोली व रूपल पंचोली ने किया ।
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