विश्व पर्यावरण दिवस पर जोड़बीड़ में श्रमदान व गोष्ठी
बीकानेर, 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को जोड़बीड़ कंजरवेशन रिजर्व क्षेत्र में विश्व पर्यावरण दिवस जोड़बीड़ स्थित मृत पशुओं के डम्प एरिया के आसपास फैले पोलिथिन व अन्य कचरे की सफाई की गई । जोड़बीड़ कोटडी रेंज मुख्यालय पर पर्यावरण विषय पर विचार गोष्ठी की गई। इसमें वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी के अलावा पारिस्थितिकी विकास समिति के सदस्यों, स्वयंसेवी संस्था एवं वन्यजीव विशेषज्ञो ने हिस्सा लिया।
उप वन संरक्षक, वन्यजीव, जयदीप सिंह राठौड ने बताया कि जोड़बीड़ वन क्षेत्र में डम्प एरिया व मुख्य मार्ग के पास फेले पोलीथिन कचरे, प्लास्टिक व कांच बोतल आदि की सफाई की गई। रेंज जोड़बीड़ कोटडी में पर्यावरण विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता डूंगर कॉलेज प्राणी शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि हमें नॉन डिग्रेडेबल पदार्थ का उपयोग कम करना चाहिए। हम जितने प्रकृति के नजदीक रहेंगे उतना ही वायू प्रदूषण कम होगा एवं पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। कार्यक्रम में पक्षी विशेषज्ञ, डॉ. जीतू सोलंकी ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
उप वन संरक्षक, वन्यजीव, जयदीप सिंह राठौड़ ने कहा कि पर्यावरण सुधार आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौति है, मनुष्य को अनुशासन व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना होगा तब ही यह सृष्टि चल पायेगी अन्यथा प्रकृति के रूष्ट होने पर इसका नुकसान हमारी भावी पीढ़ियो को भोगना पड़ेगा । सहायक वन संरक्षक प्रदीप कुमार ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।
उप वन संरक्षक, वन्यजीव, जयदीप सिंह राठौड ने बताया कि जोड़बीड़ वन क्षेत्र में डम्प एरिया व मुख्य मार्ग के पास फेले पोलीथिन कचरे, प्लास्टिक व कांच बोतल आदि की सफाई की गई। रेंज जोड़बीड़ कोटडी में पर्यावरण विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता डूंगर कॉलेज प्राणी शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि हमें नॉन डिग्रेडेबल पदार्थ का उपयोग कम करना चाहिए। हम जितने प्रकृति के नजदीक रहेंगे उतना ही वायू प्रदूषण कम होगा एवं पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। कार्यक्रम में पक्षी विशेषज्ञ, डॉ. जीतू सोलंकी ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
उप वन संरक्षक, वन्यजीव, जयदीप सिंह राठौड़ ने कहा कि पर्यावरण सुधार आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौति है, मनुष्य को अनुशासन व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना होगा तब ही यह सृष्टि चल पायेगी अन्यथा प्रकृति के रूष्ट होने पर इसका नुकसान हमारी भावी पीढ़ियो को भोगना पड़ेगा । सहायक वन संरक्षक प्रदीप कुमार ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।
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