मुर्गीपालन में कौशल विकास करेगी आर्थिक सम्पन्नता - डॉ. पारीक

मुर्गीपालन में कौशल विकास करेगी आर्थिक सम्पन्नता - डॉ. पारीक

भीलवाडा, 16 जनवरी/ कृषि विज्ञान केन्द्र, भीलवाड़ा पर भारतीय कृषि कौशल परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 30 दिवसीय लघु मुर्गीपालक कृषक प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ हुआ । कार्यक्रम में जिले की कोटड़ी, सुवाणा, जहाजपुर, माण्ड़ल एवं माण्ड़लगढ़ पंचायत समिति के 20 युवा कृषकों ने भाग लिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ0 ओ0 पी0 पारीक ने शिविर का शुभारम्भ करते हुए सभी युवा कृषकों का आह्वान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 जनवरी से 14 फरवरी तक चलेगा एवं प्रशिक्षण में मुर्गीपालन के प्रारंभ से लेकर उत्पाद के विपणन तक की समस्त तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी जिसमें प्रशिक्षणार्थी अपनी आजीविका में उत्तरोत्तर वृद्धि कर सकेंगे।
प्रशिक्षण प्रभारी डॉ0 सी0 एम0 यादव ने नवागन्तुक प्रशिक्षणार्थियों का केन्द्र की ओर से स्वागत करते हुए बताया कि प्रशिक्षण में चूजापालन, हेचरी एवं लेयर प्रबन्धन, वृद्धिरत मुर्गियों का प्रबन्धन, मुर्गियों का आवास, नस्ल एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी तकनीकी जानकारी के साथ-साथ प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा । प्रशिक्षणोपरान्त भारतीय कृषि कौशल परिषद्, नई दिल्ली द्वारा मूल्यांकन कर प्रशिक्षण प्रमाण पत्रा प्रदान किया जायेगा । प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थी NABARD या क्षेत्र के किसी भी बैंक से मुर्गीपालन हेतु आवश्यक ऋण प्राप्त कर अपना व्यावसाय शुरू कर सकेंगे। इस अवसर पर श्री नारायण सिंह राठौड़, भूतपूर्व सहायक कृषि अधिकारी ने समस्त युवा कृषकों से आग्रह किया कि वे प्रशिक्षण के दौरान दी जा रही समस्त तकनीकों को आत्मसात् करे ताकि वे अपनी आजीविका में सुधार कर सकें ।
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