हर्ष हर्ष जय जय एवम प्रभु महावीर के जयकारों के बीच मुनि रत्नप्रियदर्शन का मंगल प्रवेश

हर्ष हर्ष जय जय एवम प्रभु महावीर के जयकारों के बीच मुनि रत्नप्रियदर्शन का मंगल प्रवेश

भीलवाड़ा / श्वेत वस्त्र धारण किए पुरुष एवं केसरिया परिधानों में महिलाएं अपने आराध्य संत रत्न प्रियदर्शन मुनि की अगवानी में उमड़ पड़े, बारिश की मद्धम फुहारों के बीच भक्ति के ज्वार में कोई कमी नहीं देखी गई. अवसर था बुधवार को संत रत्न प्रियदर्शन मुनि के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश का. वर्षा थमनेके साथ ही संत रत्न ने अपने सुशिष्यों एंव बड़ी संख्या में मौजूद श्रावक श्राविकाओंके साथ स्थानीय मोती भवन पुराना भीलवाड़ा से चातुर्मासिक मंगल प्रवेश शोभायात्रा केरूप में प्रारंभ किया. मोती भवन से प्रारंभ हो सर्राफा बाजार, महाराणा टॉकीज, माणिक्य नगर चौराहा, श्री गेस्ट हाउस चौराहा, संजय कॉलोनी होते हुए प्रज्ञा भवनमें धर्म सभा में परिवर्तित हुआ. शोभा यात्रा में बड़ी संख्या मेंश्रावक-श्राविकाओं ने अपने आराध्य गुरुदेव एवं प्रभु महावीर के जयकारों सेभक्तिमय समा बनाया. शोभायात्रा का कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ता गया मार्ग में वैसे-वैसे श्रावक श्रविकएं सम्मिलित होते रहे. श्री संतो की अगवानी के लिए मौसमभी मानो थम सा गया था, अल सुबह से प्रारंभ वर्षा का दौर श्री संतों की शोभा यात्रा के लिए थमा, भगवान इंद्र देव ने भी मंगल प्रवेश के लिए बरसात की बूंदों कुछ देरविराम दिया. भक्ति भाव से परिपूर्ण शोभायात्रा प्राज्ञ भवन में पहुंच धर्म सभा मेंपरिवर्तित हुई. जिसे उद्बोधित करते हुए संत रत्न प्रियदर्शन मुनि ने कहा कि जिसप्रकार से आज आप सभी के सानिध्य में संतों का प्रवेश हुआ है उसी प्रकार आज से ही आपसभी में वीतराग का प्रवेश हुआ है, साधना का प्रवेश हुआ है, अब आपको आने वाले 4 महीनों में धर्म ध्यान कर अपने जीवन को धन्य बनाना है. प्रभु महावीर की वाणी को, प्रभु महावीर के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारना है. चार महीने का जो यह पावन अवसर आपको मिला है इस अवसर मैं आपको अपने कर्मों की निर्जरा करनी है, वीतराग को अपने जीवन में अपनाना है. प्रवचन स्थल पर आकर सिर्फ वचनों को सुनना ही नहीं उसे अपने जीवन में भी उतारना है. अपनी दिनचर्या में धर्म और ध्यान को सम्मिलित करना हैऔर स्वयं के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करना है. धर्म सभा में उपस्थितश्रावक-श्राविकाओं को श्री संतों ने भोजन जूठा नहीं छोड़ने के सामूहिक प्रत्याख्यान कराए .धर्म सभा भीलवाड़ा जिले सहित ब्यावर, विजयनगर गुलाबपुरा, सरेरी, कंवलियास आदि अनेक स्थानों से श्री संघ एंव श्रावक श्राविका भीलवाड़ा पहुंचें.प्रचार प्रसारप्रभारी मनीष जैन ने संत रत्न के चातुर्मासिक कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बतायाकी 26 जुलाई गुरुवार से प्रतिदिन सूर्योदय से प्रार्थना, 8:30 से 9:45 तक प्रवचन , दोपहर 2:00 से 3 बजे तक धर्म चर्चा, सांय काल में सूर्यास्त पश्चात प्रतिक्रमणएंव रात्रि में सम्वर आयोजित किए जाएंगे. धर्मसभा को सौम्य दर्शन मुनि, विराटदर्शन मुनि का सानिध्य मिला. धर्म सभा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश पगारियासंयोजक रामसिंह चौधरी सह संयोजक अरविंद झामड का सानिध्य मिला. बाहर से पधारेअतिथियों का अभिनंदन श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अध्यक्ष दलपत डांगी, मंत्री पारस कुकड़ा एवं चातुर्मास कमेटी के आनंद सिंह पीपाड़ा ने किया।
  • Powered by / Sponsored by :