जिले में 9 माह से 15 साल तक के 7 लाख से अधिक बच्चों को लगायेंगे खसरा रुबेला का टीका

जिले में 9 माह से 15 साल तक के 7 लाख से अधिक बच्चों को लगायेंगे खसरा रुबेला का टीका

भीलवाडा, 3 जून/ जिले में रुबेला और खसरा रोग से बचाने के लिए 9 माह से 15 साल तक के 7 लाख से अधिक बच्चों को निःशुल्क टीके लगाये जायेंगे । जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्कूलों तथा आंगनबाडी केन्द्रों पर ये टीके लगाये जायेंगे । एम.आर. टीकाकरण अभियान 22 जुलाई से प्रारंभ होगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरधा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित टीकाकरण टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि यह टीका उन बच्चों को भी लगाया जायेगा जिन्हें पहले भी एम.आर. का टीका लगाया जा चुका है । उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा, आईसीडीएस, नगर विकास न्यास, अल्पसंख्यक मामलात, सामाजिक कल्याण, नगर परिषद, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को टीकाकरण अभियान में पूर्णरुप से सहयोग करने के निर्देश प्रदान किये हैं।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी.पी. गोस्वामी ने बैठक में बताया कि खसरा रुबेला का टीका पिछले 40 वर्षो से उपयोग किया जा रहा है तथा यह बहुत सुरक्षित है । भारत में खसरा रोग के कारण प्रतिवर्ष 50 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि खसरा वायरस जनित जानलेवा रोग है। इसमें बुखार, खांसी, जुकाम, आंखें लाल होना लक्षणों के साथ बच्चों में विकलांगता और मृत्यु का खतरा रहता है। खतरे के चकते बुखार के दो दिन बाद दिखाई देते हैं। इससे डायरिया, निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन जैसी जटिलताएं भी हो सकती है। कुपोषित बच्चों में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है और उन्हें यह टीका अवश्य लगाना चाहिए । गंभीर बीमारी, तेज बुखार और गर्भावस्था में यह टीका नहीं लगाते हैं।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं में रुबेला रोग से जन्मजात रुबेला सिण्ड्रोम हो सकता है जो गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए बेहत गंभीर है। इससे गर्भवती माताओं के अर्बोशन, नवजात की मौत तथा जन्मजात बीमारियों का खतरा रहता है। भारत में अब तक 36 करोड बच्चों को यह टीका सुरक्षित तरीके से लगाया जा चुका है।
डॉ. गोस्वामी ने बताया कि एम.आर. टीकाकरण अभियान के लिए माईक्रो प्लान तैयार कर जिले के 3905 राजकीय, निजी स्कूल, मदरसा, आंगनबाडी में पढने वाले बच्चों को चिन्हीत किया जा चुका है। खण्ड स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है । सेक्टर स्तर पर आशा सहयोगिनी व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का तथा ब्लॉक स्तर पर प्रधानाध्यापक एवं नोडल अध्यापकों का प्रशिक्षण जून माह में आयोजित किया जायेगा ।
उन्होंने बताया कि अभियान पहले 2 से 3 सप्ताह तक स्कूलों में, 4 और 5वां सप्ताह गांवों और शहरी क्षेत्रों में आउटरीच सत्रों और मोबाईल टीमों द्वारा स्कूल न जाने वाले बच्चों के साथ साथ छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण कराया जायेगा।
बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.पी. आगवाल, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. घनश्याम चावला, आईएमए के प्रतिनिधि डॉ. आर.एस. धाकड सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
  • Powered by / Sponsored by :