आरक्षण में क्रिमिलियर को खत्म करना ओबीसी के हितों पर कुठाराघात

आरक्षण में क्रिमिलियर को खत्म करना ओबीसी के हितों पर कुठाराघात

बारां 13 सितम्बर। युवा यादव महासभा एवं श्रीकृष्ण जिला अहीर सभा के बैनर तले प्रतिनिधिमंडल ने ओबीसी आरक्षण में क्रिमिलियर को खत्म करने एवं भारत सरकार के विभिन्न विभागों में अन्य पिछडा वर्ग के बेकलॉग कोटे को सामान्य श्रेणी में बदलने की कोशिश करने के विरोध में प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में युवा महासभा के जिलाध्यक्ष हंसराज यादव व श्रीकृष्ण अहीर सभा अध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि जब से अन्य पिछड़ी जातियों की सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण का लाभ दिया गया। तब से इस लाभ के समानान्तार क्रिमिलियर की बाधा खड़ी कर दी गई। इस कारण ओबीसी को आरक्षण का सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिछले तीन वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी कोटे की 10 हजार आरक्षित सीटें सामान्य वर्ग को दे दी गई। आरक्षण में क्रिमिलियर लागू करने से संविधान के अनुच्छेद 16 में वर्णित अवसरों में समानता की अवधारणा ही समाप्त हो जाती है। जबकि अनुच्छेद 15 (4) व 16 (4) और 304 में आरक्षण को सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन को दूर करने का माध्यम माना गया था। किन्तु क्रिमिलियर की नई परिभाषा में इस आशय को निर्बाध नहीं रहने दिया गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने वर्ष 2015 में जारी रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि क्रिमिलियर के कारण महज 13.05 प्रतिशत युवाओं को ही नौकरियां मिल पा रही है। जब से आरक्षण लागू है, तब से आज तक 27 प्रतिशत का लाभ ओबीसी युवाओं को पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि ओबीसी आरक्षण में बेवजह और अन्याय संगत तरीके से लागू किए गए क्रिमिलियर को समाप्त किया जाए। अथवा आमदनी की सीमा 15 लाख रूपए वार्षिक की जाए। जिसमें पूर्व की तरह और कृषि आमदनी शामिल न हो। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 22 जुलाई 2020 को आबीसी आयोग एमसीबीसी की बैठक में सरकारी नौकरियों में ओबीसी की आरक्षित रिक्त सीटों को सामान्य श्रेणी में करने की मंशा जाहिर करते हुए एमसीबीसी को सभी आंकड़े प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे । गत वर्ष बनी इस समिति ने सिफारिश की है कि ओबीसी श्रेणी के बेकलॉग को सामान्य श्रेणी के लिए खोल देना चाहिए तथा क्रिमिलियर की सीमा कम की जानी चाहिए। ज्ञापन में आशंका जाहिर की गई है कि अगर ऐसा किया गया तो ओबीसी को लाखों नौकरियों से वंचित होना पड़ेगा। इससे ओबीसी के हितों पर कुठाराघात तो होगा ही साथ ही भविष्य में सामाजिक समरसता के लिए भी खतरनाक साबित होगी। ऐसे में बेकलॉग भरने के लिए क्रिमिलियर शिथिलता प्रदान की जानी चाहिए। ज्ञापन में मांग की है कि ओबीसी क्रिमिलियर के सम्बंध में पार्लियामेंट कमेटी ऑन ओबीसी वेलफेयर की अनुशंसा लागू हो। वर्ष 2021 की जनगणना में जातिगत गणना सुनिश्चित हो। सार्वजनिक संस्थानों का बेकलॉग तुरंत भरा जाए तथा निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव, उपाध्यक्ष शिवकुमार यादव, राकेश, बृजेश, हरीशचंद, निर्मल, सुरेश, महावीर, बिरजू, रासबिहारी, देवकी, दिनेश, भारत यादव आदि शामिल थे।
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