राजस्थान के पहले मेंगो फेस्टिवल का बांसवाड़ा में सफल आयोजन

राजस्थान के पहले मेंगो फेस्टिवल का बांसवाड़ा में सफल आयोजन

बांसवाड़ा, 10 जून/राजस्थान का दक्षिणांचल बांसवाड़ा जिला यों तो बहुरंगी जनजाति संस्कृति और शिल्प-स्थापत्य के लिए जाना-पहचाना जाता है परंतु पहली बार बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर ‘मेंगो फेस्टिवल’ के आयोजन ने जिले को ‘मैंगो हब’ के बारे में देश-प्रदेश में पहचान दी है। जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय यह आयोजन बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर कुशलबाग मैदान में 7 से 9 जून तक हुआ।
46 प्रजातियों के आमों का सम्मोहन:
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा में आयोजित प्रदेश के पहले ‘मेंगो फेस्टिवल’ के प्रति आमजन का जबरदस्त उत्साह देखा गया और सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र 46 प्रजातियों के आमों की प्रदर्शनी रही। लोग एक ही स्थान पर 46 प्रजातियों के आम देख रोमांचित हुए। प्रदर्शनी में बांसवाड़ा में ही पैदा हो रही किशन भोग, बोम्बे ग्रीन, बोम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैंगनफल्ली, जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चैसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापुरी, रामकेला, सदाबहार आदि 28 प्रजातियों के साथ देसी आम की 18 प्रजातियों यथा टीमुरवा, आँगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, काकरवाला, लाडुआ, हाडली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकानिया आदि प्रजातियों के आमों का भी प्रदर्शन किया गया था। इसी प्रकार 12 स्टाल्स पर नीलम, लंगड़ा, केसर, जंबो केसर गुजरात, आम्रपाली, दशहरी, राजभोग, तोतापुरी, बंगलौरा, चैसा, बजरंग, बारामासी आदि प्रजातियों के आमों को एक ही दर 60 रुपये किलो से बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया। दूसरी तरफ 8 स्टॉल पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया गया ।
मेंगो फेस्टिवल में जमकर हुई बिक्री
फेस्टिवल में लोगों ने आम और उनके उत्पादों की जमकर खरीदारी भी की। मेले में लगाई हर स्टाल पर प्रतिदिन स्टॉक खत्म हो गया। फेस्टिवल के दौरान तीन दिनों में कुल 50 क्विंटल आम की बिक्री हुई। इसमें पहले दिन 7 क्विंटल, दूसरे दिन 18 क्विंटल तथा तीसरे दिन 25 क्विंटल से अधिक आम की बिक्री हुई। इसी प्रकार आम उत्पादों में सर्वाधिक 375 किलो अचार की बिक्री हुई। इसमें पहले दिन 125 किलो, दूसरे दिन 120 किलो तथा तीसरे दिन 130 किलो अचार बिका। इसके साथ ही फेस्टिवल में आम पापड़ की कुल 245 किलो बिक्री हुई। पहले व दूसरे दिन 50-50 किलो तथा तीसरे दिन 145 किलो आमपापड़ बेचा गया।
बांसवाड़ा में तैयार किए जाने वाले चूसने वाले आम की मिठाई आमपाक की भी 180 किलो की रिकार्ड बिक्री हुई। आरएमबी फर्म के अनिल जोशी द्वारा मेले में पहले दिन 30 किलो, दूसरे दिन 65 तथा तीसरे दिन 85 किलो आम पाक बेचा गया। दूसरी तरफ फेस्टिवल में 1350 अधिक लोगों ने मेंगो शैक का सेवन किया। पहले दिन 300, दूसरे दिन 500 तथा तीसरे दिन 550 मेंगो शैक की बिक्री हुई। लोगों में आम की बागवानी के प्रति उत्साह देखा गया। फेस्टिवल में लोगों ने विविध प्रजातियों के 350 से अधिक पौधे खरीदे।
फेस्टिवल में रिलायंस फाउंडेशन द्वारा पोषित त्रिपुरा महिला संघ के माध्यम से कच्ची केरी आम पन्ना की क्रीम द्रव की कुल लगभग 170 लीटर से 400 बोतल की बिक्री की वहीं लगभग 340 लीटर आम पन्ना पेस्ट से तैयार किए गए जूस को 5 हजार से अधिक लोगो द्वारा चखा गया एवं बनेश्वर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा 680 किलो केशर आम और उनकी स्लाईस का स्टाल पर लोगों द्वारा टेस्ट किया गया।
जानकारीपरक साहित्य का विमोचन:
प्रदेश के पहले ‘मेंगो फेस्टिवल 2019’ में सामान्यजन को जिले में पैदा होने वाले आम की प्रजातियों तथा उससे बनने वाले उत्पादों की ज्ञानवर्द्धक जानकारी देने वाले फोल्डर्स का विमोचन किया गया। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (स्वतंत्र प्रभार) उद्योग एवं राजकीय उपक्रम विभाग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र, उद्यान विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र की टीम द्वारा तैयार किए गए दो फोल्डर्स का विमोचन किया। फोल्डर में आम की प्रजातियों और आम प्रसंस्करण विषयक जानकारी समाहित थी।
‘आम्रकुंज‘ विषय पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता:
मेंगो फेस्टिवल में ‘आम्रकुंज’ विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 44 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और आम पर अपनी कल्पनाओं को रंग व कूंची से साकार किया। प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में टीशा कंसारा प्रथम, तुषार पडियार द्वितीय और करामत खां तृतीय रहे। इसी प्रकार जुनियर वर्ग में रागिनी जोशी प्रथम, जेमित कंसारा द्वितीय तथा शिवि जैन तृतीय रहे। विजेताओं को जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कारों के तहत सीनियर वर्ग के प्रतिभागियों को दशहरी आम तथा जुनियर वर्ग को केरीपना शर्बत उपहार में दिया गया।
हरदम मौजूद रहे अधिकारी:
मेंगो फेस्टिवल के तहत आम की रिकार्ड बिक्री को देखते हुए संबद्ध विभागीय अधिकारियों द्वारा भी स्टॉल पर नज़र रखते हुए कमी होने पर आपूर्ति की । कृषि अनुसंधान केन्द्र के संभागीय निदेशक डॉ. प्रमोद रोकड़िया व सहायक आचार्य डॉ. प्रशांत जांबुलकर, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ. एचएल बुगालिया, कृषि उपनिदेशक भूरालाल पाटीदार, रिलायंस फ़ाउंडेशन के जितेन्द्र चैधरी, राजीविका के सुरेश त्रिवेदी, उद्यान विभाग के प्रभारी प्रीतम बामनिया द्वारा लोगों की सुविधा के लिए आम और उनके उत्पादों की बिक्री पर नज़र रखी। जिला पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमालसिंह, सचिव हेमांग जोशी, पर्यटन उपनिदेशक कमलेश शर्मा, समिति सदस्य मुजफ्फरअली, पर्यटन अधिकारी अनिल तलवाड़िया आदि ने भी व्यवस्थाएं सुचारू करने में सहयोग दिया।
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