नगरपरिषद सभापति, डीएफओ और पर्यावरणप्रेमियों ने किया श्यामपुरा वन क्षेत्र का दौरा

नगरपरिषद सभापति, डीएफओ और पर्यावरणप्रेमियों ने किया श्यामपुरा वन क्षेत्र का दौरा

बांसवाड़ा, 20 जुलाई/नगरपरिषद सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी ने कहा है कि श्यामपुरा वन क्षेत्र वन संपदा, वन्यजीवों, पक्षियों और तितलियों की दृष्टि से बहुत ही समृद्ध है और इसका विकास मैरे चुनाव घोषणा पत्र का एक प्रमुख बिंदु है ऐसे में इसे बहुत जल्द ही राजस्थान का अनोखा और हाईटेक नेचर पार्क बनाएंगे।
सभापति त्रिवेदी ने ये विचार सोमवार को वन विभाग, पर्यटन उन्नयन समिति और दक्षिणी राजस्थान में पर्यावरण और पक्षियों के संरक्षण पर कार्य कर रहे वागड़ नेचर क्लब के सदस्यों के साथ शहर के समीपस्थ श्यामपुरा वन क्षेत्र के भ्रमण के दौरान व्यक्त किए।
टीएडी की स्वीकृति से फैंसिंग और वाकिंग पाथ बनेगा: त्रिवेदी
सभापति त्रिवेदी ने कहा कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया की पहल पर टीएडी को 2 करोड़ रुपयों की कार्ययोजना भेजी गई है जिसमें श्यामपुरा वन क्षेत्र की बाउंड्री की हाईट बढ़ाई जाएगी वहीं इसमें घूमने के लिए ईकोफ्रेंडली वॉकिंग पाथ का निर्माण किया जाएगा ताकि पर्यावरण में रूचि रखने वाले लोग व विद्यार्थी इसमें घूमकर सुकून का अहसास कर सकें।
क्यू आर कोड स्कैन से मिलेंगी जानकारी: त्रिवेदी
सभापति त्रिवेदी ने कहा कि श्यामपुरा नेचर पार्क में मौजूद अलग-अलग प्रजातियों के पेड़ों और तितलियों के लिए साईनेज बनाए जाएंगे और इन साईनेज पर क्यू आर कोड लगाए जाएंगे ताकि इस हाईटेक नेचर पार्क में आने वाला व्यक्ति इन कोड को स्केन करके उन पेड़ों और तितलियों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। उन्होंने यहां पर पर्यटकों के बैठने के लिए बैंच, पेयजल, शौचालय की स्थापना के साथ उनकी रूचि के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
जैव विविधता के अनुरूप विकास होगा: सारस्वत
भ्रमण दौरान उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने कहा कि समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इस पार्क का क्रमबद्ध विकास जिला प्रशासन और नगरपरिषद के सहयोग से किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इस पार्क के तितलियों की लगभग 50 प्रजातियां पाई जाती हैं ऐसे में इसे राजस्थान के अनूठे बटरफ्लाई पार्क के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने पार्क में वृक्षों, वन्यजीवों और पक्षियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति को क्षेत्र की अनूठी सौगात बताया और इसे विकसित करने के लिए वन विभाग द्वारा स्थानीय विशेषज्ञों का साथ लेने की बात कही।
एक्सपर्ट्स के साथ घूमे, डाटा संग्रहित किया:
इस दौरान नगरपरिषद सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी, उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत, प्रशिक्षु आईएफएस अभिमन्युसिंह, एसीएफ शैदा हुसैन आदि राजस्थान में पाई जाने वाली तितलियों पर पिछले पन्द्रह वर्षों से शोध कर रहे बटरफ्लाई एक्सपर्ट व वागड़ नेचर क्लब के सदस्य मुकेश पंवार, वन्यजीव विशेषज्ञ व पार्षद सज्जनसिंह राठौड़, पर्यटन उन्नयन समिति के सचिव हेमांग जोशी, क्लब के सदस्य व जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा व ख्यातनाम वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर भरत कंसारा के साथ वन क्षेत्र में लगभग दो किलोमीटर पैदल चलें तथा यहां वन क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों व वन्यजीवों के संबंध में डाटा संग्रहण किया। बटरफ्लाई एक्सपर्ट मुकेश पंवार ने हर पग-पग पर तितली की नई प्रजाति के बारे में बताया वहीं वन्यजीव विशेषज्ञ सज्जनसिंह राठौड़ ने वन्यजीवों, डॉ. कमलेश शर्मा ने पक्षियों की प्रजातियों के बारे में अवगत कराया। इस दौरान यहां पर 35 से अधिक प्रजातियों की तितलियों के साथ पाईड क्रस्टेड कुक्कू, फैनटेल, रेड वेंटेड बुलबुल, स्केली ब्रेस्टेड मुनिया, ओरियन्टल व्हाईट आई, आयोरा, परपल सनबर्ड, प्रिनिया और बड़ी संख्या में मोरों को देखा गया।
इस मौके पर सभी सदस्यों ने वन क्षेत्र में स्थित वाच टावर और एनीकट का भी दौरा किया और इसके जीर्णोद्धार के साथ पार्क में वन्यजीवों व पक्षियों के पेयजल के लिए वाटर पोण्ड बनाने पर चर्चा की। इस दौरान वन विभाग के फरीद खां, जय शर्मा और कई पक्षीप्रेमी मौजूद थे ।
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