अयोध्या मामला: सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन के बदले कहीं और जगह दिए जाने पर सहमत हुआ - सूत्र

अयोध्या मामला: सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन के बदले कहीं और जगह दिए जाने पर सहमत हुआ - सूत्र

नई दिल्ली : अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की अंतिम सुनवाई आज बुधवार को शुरू हो गई है. पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायधीश ने कहा कि इस मामले में सुनवाई का यह आखिरी दिन है. फैसला अगले महीने की 15 तारीख तक आने की संभावना है. इस बीच सूत्रों ने बताया है कि मध्यस्थता पैनल ने एक सेटलमेंट रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की है. इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन के बदले कहीं और जगह दिए जाने पर सहमत हुआ है.
मुस्लिम और हिंदू पक्ष अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कर रहा है। इसी बीच कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। इस दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला देते हुए राम जन्म भूमि का नक्शा पेश किया मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेश किये गए नक़्शे को मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन भड़क गए और उन्होंने नक्शे को फाड़ दिया | इससे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई | उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
यहां ध्यान रहे कि राम मंदिर - बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में कई पक्षकार हैं. मुस्लिमों में भी कई पक्ष हैं. ऐसे में जब सुनवाई करीब-करीब पूरी हो चुकी है और सभी पक्ष अपनी दलील सुप्रीम कोर्ट में रख चुके हैं तो यह कहना मुश्किल है कि मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट सभी पक्ष मानेंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद केस पर आज 40वें दिन सुनवाई करते हुए जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आज हल हाल में इस मामले पर सुनवाई पूरी होगी |
इस बीच बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि 6 दिसम्बर से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा |
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता पैनल का गठन किया था. लेकिन मध्यस्थता पैनल तय समय सीमा में किसी नतीजे पर पहुंचने में नाकाम रहा. मध्यस्थता पैनल में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एफ एम आई कलीफुल्ला हैं.
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