मनवांछित वर एवं वधु पाने के अचूक वास्तुटिप्स /टोटके/उपाय

  मनवांछित वर एवं वधु पाने के अचूक वास्तुटिप्स /टोटके/उपाय

1. शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूधका दान करें ।  यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय ।
2.  कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदीलग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह कामार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है ।
3.  यदि मंगल दोष के कारण (मंगली होने पर )किसी भी लड़के या लड़की के विवाहमें विलंब हो रहा हो तो उसके कमरे के दरवाजे का रंग लाल अथवा गुलाबी रंग का रखनाचाहिए।
4.  मंगलवार के दिन एक सूखे नारियल में छेद करके उसमें पाँच मेवे और थोड़ीपिसी हुई चीनी मिलाकर उसे पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें । इससे विवाह में आने वालीसमस्त अड़चने दूर होने लगती है ।
5. शीघ्र विवाह के लिए विवाह योग्य जातक को लगातार 7 गुरुवार तक बछड़े वालीगाय को अपने हाथो से चारा / भोजन कराना चाहिए ।
6. यदि किसी युवक के विवाह में विलम्ब हो रहा है, वह 21 मंगलवार को संध्याके समय किसी भी हनुमान मन्दिर में जाकर उनके माथे से थोडा सा सिंदूर लेकर उसीमन्दिर में राम-सीता की मृर्ति के चरणों में लगा दें और उनसे शीघ्र विवाह करानेहेतु निवेदन करें। इस उपाय को करने से शीघ्र ही गुणवान कन्या से विवाह के योग प्रबलबनते है ।
7. यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो यह उपाय/टोटका शुक्ल पक्षके गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊंलक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्लपक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशादचढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !
8. शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एकनारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं। अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल मेंस्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें। इसके बादथोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदीके किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें। थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्यास्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें। इस टोटके से कन्या का विवाह शीघ्रही हो जाएगा।
9. शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकरईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट कोउठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाहके समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यहकाम वर – वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है लेकिन यह काम बिल्कुल चुपचापकरना चाहिए ।
10. विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घरमें अंदर की ओर हो, उन्हें बाहरी द्वार दिखाई न दे ।
11.  विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे कीवस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए ।
12.  यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे किउनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो ।
13.  कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे।
14. कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायेंतो कन्या खुले बालों से, लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला करविदा करे ।  विवाह की चर्चा सफल होगी ।
15.  किसी भी पूर्णिमा के दिन युवक/युवती द्वारा वट वृक्ष की १०८ परिक्रमादेने से भी विवाह बाधा दूर होती है ।
16. गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाहबाधा दूर होती है|
17. ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की बृहस्पति को देवताओंका गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: हीसमाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है। गुरुवार कोबृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंगकी वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दालआदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए। साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छारखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
 
इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहननेचाहिए। 
 
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥ मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जपकरें।
 
------इस विशेष मन्त्र के जाप/उपयोग से भी खुलते हैं विवाह बाधा केमार्ग--
(किसी अनुभवी /योग्य /जानकार के मार्गदर्शन में ही इसका प्रयोग करें।)
 
मन्त्र---
गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े,
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।। 
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