Biography
Princess Diya Kumari of The Royal Family of Jaipur,
MLA from Sawai Madhopur,
Rajasthan and 'Save The Girl Child' brand ambassador of the state.
Passionate about education and women's empowerment.
===================================================================
राजकुमारी दीया कुमारी आॅफ जयपुर
राजकुमारी दीया कुमारी का जन्म जयपुर के प्रसिद्ध शाही घराने में हुआ, वे आधुनिक भारत की अत्यंत सफल महिलाओं में से एक हैं। जैसा कि वे राजस्थान विधानसभा की निर्वाचित सदस्या हैं, वे अधिकांश समय अपने सवाईमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र (विशाल भू-भाग जिसमें सवाई माधोपुर शहर एवं विस्तृत पिछड़ा क्षेत्र शामिल होने के साथ-साथ रणथम्भौर नेशनल फारेस्ट एवं टाइगर रिजर्व भी आते है) के विकास कार्यों को देती है। इसके सााि ही वे निपुणता के साथ वे अपने अनेक व्यावसायिक उपक्रमों, विद्यालयों, संग्रहालयों एवं एनजीओज का प्रबन्धन भी कर रही हैं।
उनका जन्म 30 जनवरी, 1971 को हुआ। वे एच.एच. महाराजा सवाई भवानी सिंह और एच.एच. महारानी पद्मिनी देवी आॅफ जयपुर की इकलौती संतान है। महारानी पद्मिनी देवी हिमाचल प्रदेश के ‘देयर हाइनेसेज महाराजा और महारानी ऑफ सिरमौर‘ की पुत्री हैं। राजकुमारी दीया कुमारी के जन्म के समय उनके पिता भारतीय सेना में लेफ्टिेनेट कर्नल थे और 10वीं पैरा कमांडो के कमाडिंग आफिसर थे। वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने अपना विशिष्ट शौय दिखाया जिसके फलस्वरूप बांगलादेश का निर्माण हुआ।
लेकिन सिटीपैलेस और इसके संग्रहालय के प्रबन्धन तथा जयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने में अपना पूरा ध्यान लिये उन्हें सेना को छोड़ना पड़ा। युवा राजकुमारी दीया कुमारी यह देखते हुए बड़ी हुयी कि किस प्रकार से एक राॅयल पैलेस और शाही निवास को आम जनता को ध्यान में रखते हुुए कुशलता से प्रबंधित किया जा सकता है एवं नया स्वरूप दिया जा सकता है। यह वह कार्य था जो भविष्य में उन्हें उत्तराधिकार में मिलना था।
उन्होंने अपना अध्ययन माॅडर्न स्कूल, नई दिल्ली और महारानी गायत्री देवी स्कूल फाॅर गल्र्स जयपुर में किया। इसके पश्चात् उन्होंने लन्दन से डेकोरेटिव आर्ट की पढ़ाई की। राजकुमारी दीया कुमारी का विवाह महाराज नरेन्द्र्र सिंह के साथ हुआ और उनके तीन बच्चे हैं। हिज हायनेस पद्मनाभ सिंह का जन्म 2 जुलाई, 1998 में हुआ जिन्हें बाद में हिज हायनेस महाराजा सवाई भवानी सिंह आॅफ जयपुर ने वारिस के रूप में गोद लिया। हिज हायनेस पद्मनाभ सिंह की ताजपोशी अप्रैल, 2011 में की गयी। उनकी छोटी बहन राजकुमारी गौरवी कुमारी और भाई एच.एच. महाराजा लक्ष्यराज प्रकाश आॅफ सिरमौर हैं।
तीन बच्चों की सहृदय मां होने के साथ-साथ वे दो ट्रस्ट की सचिव हैं, जिनके नाम हैं - महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट, सिटी पैलेस और जयगढ़ चेरेटिबल ट्रस्ट, जयगढ़ फोर्ट, आमेर। वे विजन एवं डिटर्मीनेशन से भरपूर हैं। विशेष तौर पर संग्रहालय पर काफी ध्यान देने की आवश्यकता होती है, इसकी निरंतर सफलता के लिए पूर्व योजना एवं विचार, परिकल्पना और व्यावसायिक कौशल की आवश्यकता होती है। अन्य पारिवारिक कारोबार जिनमें राजकुमारी को ध्यान देना होता है, उनमें दो होटल्स - जयपुर मंे राजमहल पैलेस और माउन्ट आबू में जयपुर हाउस का संचालन शामिल है। वे दुर्गा दीया एन्टरप्राइजेज, द पैलेस कैफे तथा देश के अति विशेष ‘अशोक क्लब‘ का प्रबन्धन भी देख रही हैं। वे जययपरु के दो प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों - ‘द पैलेस स्कूल‘ और ‘महाराजा सवाई भवानीसिंह स्कूल‘ का संचालन भी कर रही हैं। हृदय से शिक्षाविद् होने के नाते वे दोनों शैक्षिक संस्थानों को प्रबन्धित करने में व्यक्तिगत रुझान रखती है क्यों कि उनका मानना है कि किसी व्यक्ति के जीवन और समाज के बदलाव में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
राजकुमारी दीया ने अपने नाम से ‘यंग एचीवर इन एज्यूकेशन‘ पुरस्कार स्थापित किया है ताकि युवा वर्ग अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रोत्साहित हो सकें। यह पुरस्कार राजकुमारी के पिता स्वर्गीय ब्रिगेडियर हिज हाइनेस महाराजा सवाई भवानी सिंह आॅफ जयपुर की स्मृति पर आयोजित होने वाले वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान प्रदान किए जाते हैं।
कला एवं संस्कृति की पारखी होने के कारण, राजकुमारी दीया कुमारी पारम्परिक कला, संगीत और नृत्य को प्रोत्साहित करने में काफी सक्रिय हैं। वे अपने पिता महाराजा सवाई भवानी सिंह द्वारा शुरू किए गए ‘फ्रेण्ड्स आॅफ म्यूजियम‘ से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका मुख्य ध्यान जयपुर की लुप्त होती कलाओं के संवर्धन और इससे जुड़े शिल्पकारों को सहयोग देने पर है। शहर में तथा शहर के बाहर आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों में इन शिल्पकारों को स्थान उपलब्ध कराया जाता है ताकि वे अपने कला कौशल का प्रदर्शन कर सकें और अपने प्रोडक्ट ग्राहकों को सीधे बेच सकें। इससे विलुप्त प्रायः हो चुकी राजस्थानी कलाओं को बेहद आवश्यक प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है।
गुणीजनखाना का शाब्दिक अर्थ है ‘‘महत्वपूर्ण लोगों के लिये स्थान‘‘ । इसकी परम्परा जयपुर राजधराने में सत्रहवी शताब्दी से चली आ रही है, जिसमें गायकों, संगीतकार और नर्तकों को मंच प्रदान किया जाता रहा है ताकि वे अपनी कला और हुनर का प्रदर्शन कर सकें। यह परम्परा वर्ष 1949 से समाप्त हो गई थी। राजकुमारी दीया कुमारी ने इस परम्परा को वर्ष 2013 में पुनजीर्वित किया जिसके तहत सिटी पैलेस द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कला प्रदर्शन, साहित्य एवं विजुअल आर्ट, साइन्स, फिल्म एवं मीडिया के साथ-साथ पाक कला के हुनरमंदों को अपना कौशल प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाता है।
राजकुमारी दीया कुमारी अनेक एनजीओज्, धमार्थ एवं सामाजिक कार्यों में शामिल संगठनों से सक्रिय रूप से हुई जुड़ी हैं। वे ‘आई बैंक सोसाइटी आॅफ राजस्थान‘ से भी सक्रिय रूप जुडी हुई हैं तथा एचआईवी पाॅजिटिव बच्चों के लिए कार्यरत एनजीओ रेज की संरक्षक हैं। वे सवाई मानसिंह प्राथमिक चिकित्सालय कार्यप्रणाली की देख रेख भी करती हैं। इसका लक्ष्य आम जन को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाना तथा जरूरतमंदों को निःशुल्क एलोपेथिक दवाइयां वितरित करना है।
महिलाओं और पुरुषों को वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से सशक्त करने के लिये उन्होंने वर्ष 2013 में ‘प्रिसेंज दीया कुमारी फाउण्डेशन की स्थापना की। इसके माध्यम से जरूरतमंद को महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है जिससे वे कला, हस्तकला, कृषि कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। फाउण्डेशन द्वारा इनके उत्पादों को बाजार से जोड़ने का कार्य भी किया जाता है।
वर्ष 2013 में ही सुशासन एवं समावेशी विकास कार्यों के विश्वास के साथ राजकुमारी दीया कुमारी ने अपने पूर्वज सवाई माधोसिंह जी द्वारा बसाए गए कस्बे सवाईमाधोपुर से चुनाव जीत कर विधायक निर्वाचित हुईं।
राजकुमारी अपने फाउण्डेशन और विधायक की भूमिका में सवाई माधोपुर में काफी सक्रियता के साथ कार्यरत हैं। वे विभिन्न विकास एजेंसियों, दानदाताओं और एनजीओज को सम्मानित कर चुकी है। प्रत्येक कार्य के भागीदारों स्थानीय एवं राज्य अधिकारियों के साथ समन्वय कायम कर विकास योजनाओं, शहरी तथा ग्रामीण समुदायों के विकास के मुद्दों - जैसे पानी, सेनिटेशन, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण, कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए जुड़ी हुई हैं। सवाई माधोपुर में रणथम्भौर नेशनल फारेस्ट एवं टाइगर रिजर्व स्थित होने से यहां विकास की चुनौतियां कई गुणा बढ़ जाती है। पर्यावरण मुद्दों के चलते यहां पर निवेश की संभावनाओं में जटिलताएं हैं। यहां के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये हरसंभव भागीदारी एवं नवाचार समाधान के लिये वे दृढ़ संकल्पित और प्रयासरत है।
वर्ष 2014 में दीया कुमारी को ‘सेव द गर्ल चाइल्ड‘ अभियान के लिए राजस्थान सरकार का एम्बेसेडर नियुक्त किया गया और नई दिल्ली के यंग फिक्की लेडीज आॅर्गेनाइजेशन‘ (वाईएफएलओ) द्वारा उन्हें ‘वाईएफएलओ वुमन एचीवर्स अवाॅर्ड इन पाॅलिटिक्स से भी सम्मानित किया गया।